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कबीर प्रकट दिवस 2022: कलयुग में कबीर परमेश्वर का प्राकट्य
नीरू नीमा को मिले कबीर परमात्मा
प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में नीरू, नीमा नामक पति-पत्नी लहरतारा तालाब पर स्नान करने जाते थे। एक बार नीरू, नीमा जिनके कोई संतान नहीं थी स्नान करने जा रहे थे और नीमा रास्ते में भगवान शंकर से प्रार्थना कर रही थी कि हे दीनानाथ! आप अपने दासों को भी एक बच्चा दें दें। आप के घर में क्या कमी है। प्रभु! हमारा भी जीवन सफल हो जाएगा। दुनिया के व्यंग्य सुन-सुन कर आत्मा दुखी हो जाती है। मुझ पापिन से ऐसी कौन सी गलती किस जन्म में हुई है जिस कारण मुझे बच्चे का मुख देखने को तरसना पड़ रहा है। हमारे पापों को क्षमा करो प्रभु! हमें भी एक बालक दे दो।

यह कह कर नीमा फूट-फूट कर रोने लगी तब नीरू ने धैर्य दिलाते हुए कहा हे नीमा! हमारे भाग्य में संतान नहीं है यदि भाग्य में संतान होती तो प्रभु शिव अवश्य प्रदान कर देते। आप रो-रो कर आंखें खराब कर लोगी। आप का बार-बार रोना मेरे से देखा नहीं जाता। यह कह कर नीरू की आंखें भर आईं। इसी तरह प्रभु की चर्चा व बालक प्राप्ति की याचना करते हुए लहरतारा तालाब पर पहुंच गए। प्रथम नीमा ने स्नान किया, उसके पश्चात नीरू ने स्नान करने को तालाब में प्रवेश किया। सुबह का अंधेरा शीघ्र ही उजाले में बदल जाता है। जिस समय नीमा ने स्नान किया था। उस समय तक तो अंधेरा था।
कबीर साहेब जी का कलयुग में प्रकट होना
कबीर साहेब जी कलयुग में भारत के काशी शहर के लहरतारा तालाब में ज्येष्ठ मास शुक्ल पूर्णमासी विक्रम संवत 1455 (सन् 1398) सुबह ब्रह्म मुहूर्त में कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए थेKabir sakhi/Kabir wani/ Kabir k dohe / sant Kabir/sat Kabir / Allah Kabir /guru Kabir/ Kabir jayanti photos/ Kabir images/ sant Kabir wallpaper/ satguru Kabir hd images/ god Kabir/Lord Kabir/ worship/wishes/ spirituality/spiritual quotes/ daily routine/ positive thoughts/positive quotes/mind blowing ideas
SA News Channel: Last Updated on 22-2-2022: 8:44 AM: आज हम आप को पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी के कबीर प्रकट दिवस (Kabir Sahib Prakat Diwas 2022) के बारे में जानकारी देंगे। कबीर प्रकट दिवस 2022 इस वर्ष 14 जून को मनाया जाएगा। समाज में तत्वज्ञान के अभाव में श्रद्धालु शंका व्यक्त करते हैं कि कबीर साहेब जी काशी वाला जुलाहा (धाणक) पूर्ण परमात्मा कैसे हो सकता है? लेकिन सत्य तो यही है कि वेदों में कविर्देव यही काशी वाला जुलाहा (धाणक) पूर्ण परमात्मा है। श्रद्धालुओं से निवेदन कृपया सच्चाई को समझें।
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कबीर प्रकट दिवस 2022: शिशु रूप में कबीर परमेश्वर जी का नामकरण
कबीर साहेब के पिता नीरू (नूर अली) तथा माता नीमा पहले हिन्दू ब्राह्मण ब्राह्मणी थे इस कारण लालच वश ब्राह्मण लड़के का नाम रखने आए। उसी

समय काजी मुसलमान अपनी पुस्तक कुरान शरीफ को लेकर लड़के का नाम रखने के लिए आ गए। काजियों ने कहा लड़के का नामकरण हम मुसलमान विधि से करेंगे। अब ये मुसलमान हो चुके हैं। यह कहकर आए हुए काजियों में से मुख्य काजी ने क़ुरान शरीफ़ पुस्तक को कही से खोला। उस पृष्ठ पर प्रथम पंक्ति में प्रथम नाम “कबीरन्” लिखा था। काजियों ने सोचा “कबीर” नाम का अर्थ बड़ा होता है। इस छोटे जाति (जुलाहे अर्थात धाणक) के बालक का नाम कबीर रखना शोभा नहीं देगा। यह तो उच्च घरानों के बच्चों के रखने योग्य है। शिशु रूपधारी परमेश्वर, काजियों के मन के दोष को जानते थे
शिशु कबीर की सुन्नत करने का असफल प्रयत्न
शिशु रूपधारी कबीर देव की सुन्नत करने का समय आया तो पूरा जन समूह सम्बंधियों का इकट्ठा हो गया। नाई जब शिशु कबीर जी के लिंग को सुन्नत करने के लिये कैंची लेकर गया तो परमेश्वर ने अपने लिंग के साथ एक लिंग और बना लिया। फिर उस सुन्नत करने को तैयार व्यक्ति की आंखों के सामने तीन लिंग औऱ बढ़ते दिखाए कुल पांच लिंग एक बालक के देखकर वह सुन्नत करने वाला आश्चर्य में पड़ गया। तब कबीर जी शिशु रूप में बोले भईया एक ही लिंग की सुन्नत करने का विधान है ना मुसलमान धर्म में। बोले शेष चार की सुन्नत कहाँ करानी है ? जल्दी बोलो! शिशु को ऐसे बोलते सुनकर तथा पांच लिंग बालक के देखकर नाई ने अन्य उपस्थित व्यक्तियों को बुलाकर वह अद्भुत दृश्य दिखाया।
सर्व उपस्थित जनसमूह यह देखकर अचंभित हो गया। आपस में चर्चा करने लगे कि यह अल्लाह का कैसा कमाल है, एक बच्चे के पांच लिंग। यह देखकर सुन्नत करने वाला बिना सुन्नत किये ही चला गया। तब शिशु रूपधारी परमेश्वर बोले हे भोले लोगों! आप लड़के का लिंग किसलिए काटते हो? क्या लड़के को बनाने में अल्लाह (परमेश्वर) से चूक रह गई जिसे आप ठीक करते हो। क्या आप परमेश्वर से भी बढ़कर हो? यदि आप लड़के के लिंग की चमड़ी काट कर (सुन्नत करके) उसे मुसलमान बनाते हो तो लड़की को मुसलमान कैसे बनाओगे। यदि मुसलमान धर्म के व्यक्ति अन्य धर्मों के व्यक्तियों से भिन्न होते तो परमात्मा ही सुन्नत करके लड़के को जन्म देता
कबीर प्रकट दिवस 2022-कुंवारी गायों से परवरिश
शिवजी ने नीमा नीरू से कहां एक कुंवारी गाय लाओ उसके दूध को यह बालक पीयेगा। नीरू कुंवारी गाय ले आया तथा साथ में कुम्हार के घर से एक छोटा घड़ा भी ले आया। परमेश्वर कबीर जी के आदेशानुसार विप्र रूप धारी शिव जी ने उस कुंवारी गाय की पीठ पर हाथ मारा जैसे कि थपकी लगाते हैं। गौ माता के थन लंबे-लंबे हो गए तथा थनों से दूध की धार बह चली। नीरू को पहले ही वह घड़ा पात्र थनों के नीचे रखने का आदेश दे रखा था। दूध का पात्र भरते ही थनों से दूध निकलना बंद हो गया। वह दूध शिशु रुपधारी कबीर परमेश्वर जी ने पिया।
इसी बात की गवाही ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 देता है कि जब पूर्ण परमात्मा शिशु रूप धारण करके पृथ्वी पर आता है तो उसका पालन पोषण कुंवारी गाय से होता है
कौन है वर्तमान में कबीर साहेब जैसा सतगुरु?
आज इस पूरी पृथ्वी पर सिर्फ संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण सतगुरु है जो कि कबीर परमेश्वर जी का ज्ञान सभी आत्माओं को पहुंचा सकते हैं। संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने से मनुष्य का पूर्ण मोक्ष हो सकता है तथा परमात्मा प्राप्ति हो सकती है। कबीर साहेब जी की आगे की लीलाओं को जानने के लिए कृपया संत रामपाल जी महाराज का सत्संग अवश्य देखें इन चैनलों पर 👇
साधना चैनल पर शाम 07:30 बजे
ईश्वर चैनल पर सुबह 6:00 बजे
श्रद्धा चैनल पर दोपहर 02:00 बजे
संत रामपाल जी महाराज द्वारा सभी धर्म ग्रंथों से प्रमाणित लिखित ज्ञान गंगा पुस्तक Pdf घर बैठे डाउनलोड कर अवश्य पढ़ें।

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